शिक्षण पेशे में बदलाव: बीएड की जगह अब ITEP होगा अनिवार्य
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण पेशे में बड़ा बदलाव हुआ है। अब प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए बीएड की जगह इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) करना अनिवार्य होगा। यह 4 वर्षीय पाठ्यक्रम होगा जिसमें 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र प्रवेश ले सकेंगे।
ITEP क्या है?
ITEP, एनसीटीई द्वारा शुरू किया गया एक नया शिक्षण कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम बीएड की जगह लेगा और 12वीं कक्षा के बाद सीधे प्रवेश दिया जाएगा। 4 साल के इस कार्यक्रम में शिक्षाशास्त्र, विषय-वस्तु ज्ञान और शिक्षण कौशल का समावेश होगा।
ITEP के फायदे:
- समय की बचत: ITEP 4 साल का कार्यक्रम होगा, जबकि बीएड 2 साल का होता है।
- बेहतर शिक्षण: ITEP में शिक्षाशास्त्र, विषय-वस्तु ज्ञान और शिक्षण कौशल का समावेश होगा।
- प्रवेश में सरलता: ITEP में प्रवेश के लिए छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम देना होगा।
ITEP के लिए पात्रता:
- 12वीं कक्षा उत्तीर्ण
- एंट्रेंस एग्जाम में सफलता
ITEP के बाद क्या?
ITEP कार्यक्रम पूरा करने के बाद छात्र प्राइमरी शिक्षक बनने के योग्य होंगे।
वर्ष 2030 के बाद ITEP अनिवार्य:
वर्ष 2030 के बाद प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए ITEP करना अनिवार्य होगा।
निष्कर्ष:
ITEP शिक्षण पेशे में एक नया बदलाव है। यह कार्यक्रम शिक्षकों को बेहतर शिक्षण प्रदान करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।
अधिक जानकारी के लिए:
- एनसीटीई की वेबसाइट: https://ncte.gov.in/