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MP NEWS - मध्य प्रदेश के तीन जिलों में नई सरकारी यूनिवर्सिटी के लिए HED की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी

मध्य प्रदेश में तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी

मध्य प्रदेश शासन ने गुना, सागर और खरगोन में तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। ये विश्वविद्यालय तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना, रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय सागर और क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन के नाम से जाने जाएंगे। इन विश्वविद्यालयों का संचालन नवीन शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुरू होगा।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना को तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर को रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय सागर और शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन को क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन में उन्नयन किया गया है।

शासन ने इन तीनों विश्वविद्यालयों के लिए कुलसचिवों का भी प्रभार सौंप दिया है। श्री राकेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक (विधि) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना को तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना, प्रो. शक्ति जैन प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय को रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय सागर और डॉ. जी.एस. चौहान प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) को क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

यह कदम मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना से छात्रों को बेहतर शिक्षा और अनुसंधान के अवसर मिलेंगे।

विश्वविद्यालयों के नाम:

  • तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना
  • रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय सागर
  • क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन

कुलसचिव:

  • तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना: श्री राकेश कुमार वर्मा
  • रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय सागर: प्रो. शक्ति जैन
  • क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन: डॉ. जी.एस. चौहान

शैक्षणिक सत्र:

  • 2024-25

आधिकारिक दस्तावेज:

  • मध्य प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी सैद्धांतिक सहमति

यह कदम मध्य प्रदेश के छात्रों और शिक्षाविदों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह राज्य में उच्च शिक्षा के विकास को बढ़ावा देगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करेगा।