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तरबूज की खेती: गर्मी का रसदार फल (Watermelon cultivation: juicy summer fruit)
तरबूज की खेती: गर्मी का रसदार फल
तरबूज, गर्मी का सबसे लोकप्रिय फल, जो न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि पानी की कमी को भी दूर करता है। इसकी खेती भारत में कई जगहों पर की जाती है, जिसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र प्रमुख हैं।
जलवायु और मिट्टी
तरबूज गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। इसके लिए 25°C से 35°C तापमान आदर्श है। इसकी खेती रेतीली, बलुई दोमट, और दोमट मिट्टी में अच्छी होती है। मिट्टी का pH 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
बीज बोना
तरबूज की बुवाई फरवरी से मार्च के बीच की जाती है। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहरा और 60-90 सेंटीमीटर की दूरी पर बोया जाता है।
सिंचाई
तरबूज को कम पानी की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें, और उसके बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
खाद और उर्वरक
तरबूज को अच्छी वृद्धि और फल उत्पादन के लिए खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है। गोबर की खाद, नीम की खली, और यूरिया का उपयोग किया जा सकता है।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवारों को नियमित रूप से हटाना महत्वपूर्ण है।
रोग और कीट
तरबूज कई रोगों और कीटों से प्रभावित होता है। इनमें से कुछ प्रमुख रोग हैं मुरझा रोग, फल सड़न रोग, और एंथ्रेक्नोज। प्रमुख कीटों में तना छेदक, फल छेदक, और थ्रिप्स शामिल हैं।
फसल कटाई
तरबूज की फसल 90-120 दिनों में तैयार हो जाती है। फल पकने पर लाल और मीठा हो जाता है।
उपज
तरबूज की उपज प्रति हेक्टेयर 20-30 टन तक हो सकती है।
लाभ
तरबूज की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है। यह कम लागत में अधिक मुनाफा देता है।
निष्कर्ष
तरबूज की खेती एक अच्छा विकल्प है, खासकर उन किसानों के लिए जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- तरबूज की कई किस्में हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं शुगर बेबी, पूसा बेदाना, और अर्का ज्योति।
- तरबूज का उपयोग ताजे फल के रूप में, जूस बनाने के लिए, और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है।
- तरबूज विटामिन ए, सी, और बी का अच्छा स्रोत है।
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