रीवा कलेक्टर ने खुले बोरवेलों को बंद करने के दिए आदेश
खुले बोरवेलों से गिरकर बच्चों की मौत के मामले बढ़ने के बाद रीवा कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि अब से बिना उपयोग में आ रहे एक भी बोरवेल खुला हुआ नहीं मिलना चाहिए। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा है कि सभी मकान मालिकों, किसानों और संस्थाओं को अपने-अपने खुले बोरवेलों को तत्काल बंद करना होगा और उन पर लोहे की कैप लगवानी होगी। कैप/ढक्कन मजबूत होना चाहिए और नट-बोल्ट से कसा हुआ होना चाहिए।
कलेक्टर ने यह भी कहा है कि पीएचई विभाग एक पोर्टल विकसित करेगा जिसमें जिले में खोदे गए सभी बोरवेलों की जानकारी होगी। इस पोर्टल के माध्यम से बंद पड़े और खराब पड़े बोरवेलों की भी निगरानी की जाएगी।
यह आदेश रीवा जिले में पिछले कुछ दिनों में हुई मयंक आदिवासी बोरवेल हादसों के बाद जारी किए गए हैं। इस तरह के हादसों में कई बच्चों की मौत हो चुकी है।
कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और अपने आसपास के खुले बोरवेलों की जानकारी प्रशासन को दें।
यहां कलेक्टर के आदेश की कुछ मुख्य बातें हैं:
- सभी मकान मालिकों, किसानों और संस्थाओं को अपने-अपने खुले बोरवेलों को तत्काल बंद करना होगा और उन पर लोहे की कैप लगवानी होगी।
- कैप/ढक्कन मजबूत होना चाहिए और नट-बोल्ट से कसा हुआ होना चाहिए।
- पीएचई विभाग एक पोर्टल विकसित करेगा जिसमें जिले में खोदे गए सभी बोरवेलों की जानकारी होगी।
- इस पोर्टल के माध्यम से बंद पड़े और खराब पड़े बोरवेलों की भी निगरानी की जाएगी।
- यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश रीवा जिले में बोरवेल हादसों को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
यहां कुछ ऐसे उपाय दिए गए हैं जो आप बोरवेल हादसों को रोकने में मदद कर सकते हैं:
- अपने घर या खेत में बोरवेल खुदवाते समय सभी सुरक्षा मानकों का पालन करें।
- बोरवेल का उपयोग न होने पर उसे ढंककर रखें।
- अपने बच्चों को बोरवेल के खतरों के बारे में बताएं और उन्हें अकेले बाहर जाने से रोकें।
- यदि आप किसी खुले बोरवेल को देखते हैं तो तुरंत इसकी सूचना प्रशासन को दें।
बोरवेल हादसे एक गंभीर समस्या है। इन हादसों को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।